ऐसा लगता है कि शेयर बाजारों पर कत्लेआम का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पांचवें सत्र बीएसई सेंसेक्स में गिरावट आई. इस दौरान यह 1,700 अंक गिर चुका है. निफ्टी 50 भी 11,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ चुका है. आखिर इस गिरावट की क्या है वजह?
क्रूड की कीमतों में उछाल
नवंबर डिलीवरी वाले ब्रेंट फ्यूचर्स का भाव सोमवार को 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया. ओपेक के सदस्य देशों और रूस ने क्रूड का उत्पादन बढ़ाने की अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप की अपील को अनसुना कर दिया है. इससे क्रूड में उछाल है. ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध के मद्देनजर ओपेक देशों से उत्पादन बढ़ाने को कहा था.
रुपये में कमजोरी जारी
घरेलू मुद्रा की कमजोरी थमने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे गिरकर 72.47 के स्तर पर खुला. बैंकों और आयातकों के डॉलर खरीदने से रुपये पर दबाव बढ़ गया. रुपये में कमजोरी शेयर बाजार के लिए चिंता की वजह है.
एनबीएफसी के शेयरों से जुड़ी चिंता
एनबीएफसी के शेयरों को लेकर चिंता बनी हुई है. हालांकि, स्पष्टीकरण के बाद डीएचएफएल के शेयरों ने वापसी की है, लेकिन पीएनबी हाउसिंग और कैनफिन हाउसिंग के शेयरों में कजोरी जारी है. इसका खराब असर शेयर बाजार पर पड़ा है. निवेशकों को लगता है कि अब भी कुछ एनबीएफसी के शेयर ऊंचे भाव पर हैं.
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के आसार
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की उम्मीद है. ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा है कि 25-26 सितंबर को होने वाली बैठक में फेड ब्याज दर में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से भारत सहित उभरते बाजारों में निवेश पर असर पड़ेगा. रुपये में कमजोरी से पहले से ही विदेशी निवेशकों का रुख बदला है. इस साल अब तक उन्होंने शेयरों में 8,837 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है.
क्रूड की कीमतों में उछाल
नवंबर डिलीवरी वाले ब्रेंट फ्यूचर्स का भाव सोमवार को 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया. ओपेक के सदस्य देशों और रूस ने क्रूड का उत्पादन बढ़ाने की अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप की अपील को अनसुना कर दिया है. इससे क्रूड में उछाल है. ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध के मद्देनजर ओपेक देशों से उत्पादन बढ़ाने को कहा था.
रुपये में कमजोरी जारी
घरेलू मुद्रा की कमजोरी थमने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे गिरकर 72.47 के स्तर पर खुला. बैंकों और आयातकों के डॉलर खरीदने से रुपये पर दबाव बढ़ गया. रुपये में कमजोरी शेयर बाजार के लिए चिंता की वजह है.
एनबीएफसी के शेयरों से जुड़ी चिंता
एनबीएफसी के शेयरों को लेकर चिंता बनी हुई है. हालांकि, स्पष्टीकरण के बाद डीएचएफएल के शेयरों ने वापसी की है, लेकिन पीएनबी हाउसिंग और कैनफिन हाउसिंग के शेयरों में कजोरी जारी है. इसका खराब असर शेयर बाजार पर पड़ा है. निवेशकों को लगता है कि अब भी कुछ एनबीएफसी के शेयर ऊंचे भाव पर हैं.
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के आसार
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की उम्मीद है. ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा है कि 25-26 सितंबर को होने वाली बैठक में फेड ब्याज दर में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से भारत सहित उभरते बाजारों में निवेश पर असर पड़ेगा. रुपये में कमजोरी से पहले से ही विदेशी निवेशकों का रुख बदला है. इस साल अब तक उन्होंने शेयरों में 8,837 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है.
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